उलझन.....
ये जिन्दगी कहते हैं ,कि तुम इस पल मे हो
मतलब अभी ही हो , तो क्यों मै तुम्हे कल मे तलाशता हूँ
ये कल बीता हो ,या आने वाला हो
फिर भी मै तुम्हे क्यों तलाशता हूँ
जिन्दगी बीता दू तुझे तलाशता या जी लूँ जीते जी
इस उधेरबुन्द मे मै परा ,पर कोई अँधेरा है ही नही
नजर बदलूं या नजरिया बदलूं ,ये तो पता है मुझे
पर ये तो बता मुझे
किस नजर के नजरिये से देखूं तुझे ........
मतलब अभी ही हो , तो क्यों मै तुम्हे कल मे तलाशता हूँ
ये कल बीता हो ,या आने वाला हो
फिर भी मै तुम्हे क्यों तलाशता हूँ
जिन्दगी बीता दू तुझे तलाशता या जी लूँ जीते जी
इस उधेरबुन्द मे मै परा ,पर कोई अँधेरा है ही नही
नजर बदलूं या नजरिया बदलूं ,ये तो पता है मुझे
पर ये तो बता मुझे
किस नजर के नजरिये से देखूं तुझे ........
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